कभी किसी की उम्मीद मत छीनो
- Prantik Panigrahi
- Apr 21
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कभी-कभी किसी की आंखों में जो चमक होती है, वह सिर्फ एक ख्वाब की वजह से होती है।
किसी का चेहरा जो मुस्कान लिए चलता है, वो किसी उम्मीद की डोर से बंधा होता है। और हम, जाने-अनजाने, अपने शब्दों या बर्ताव से उस उम्मीद की डोर को तोड़ देते हैं।
हम समझते हैं कि हमारा नजरिया ही सही है, लेकिन शायद वो दूसरा इंसान उस सपने से जी रहा हो, जो हमें बेमानी लगता है। कभी सोचा है? अगर किसी ने अब्दुल कलाम से कहा होता कि तुम मिसाइल वैज्ञानिक नहीं बन सकते? अगर किसी ने बापू से कहा होता कि अहिंसा बेकार है?
हर इंसान को जीने के लिए एक कारण चाहिए होता है। एक उम्मीद चाहिए होती है – चाहे वो छोटा सा सपना हो, किसी अपने की आंखों में खुशी लाने की चाह हो, या खुद के होने को साबित करने की तड़प।
अगर आप किसी की राह नहीं बन सकते, तो कम से कम उनके रास्ते में दीवार मत बनिए।अगर आप किसी का हाथ नहीं थाम सकते, तो कम से कम उनकी उम्मीद मत छीनिए।
क्योंकि जब आप किसी की उम्मीद छीनते हैं, तो आप सिर्फ एक ख्वाब नहीं तोड़ते – आप उस इंसान का आत्मविश्वास, उसकी मुस्कान, उसकी पहचान छीन लेते हैं।
इसलिए अगली बार जब कोई अपने दिल का सपना आपसे साझा करे – उसे हौंसला दीजिए। वो उड़ेगा या नहीं, ये वक्त तय करेगा। लेकिन आप वो मत बनिए जो उसके पंख काट दे।
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